कोरोना से बचने के लिए क्या कर रहे हैं दूसरे देश

कोरोना से बचने के लिए क्या कर रहे हैं दूसरे देश

नरजिस हुसैन

इस वक्त न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर का शिकार है। पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान से शुरू हुआ यह वायरस आज करीब-करीब दुनिया के 10 देशों में फैल चुका है। कोरोना वायरस के 65 प्रतिशत मामले चीन के बाहर दर्ज किए गए हैं। सारे गिले-शिकवों को एक तरफ रखकर सभी देश इस नन्हें वायरस को दुनिया से खदेड़ने के लिए एकजुट हो गए हैं। फिलहाल, कोरोना वायरस अब तक पूरी दुनिया में 5,98,094 को शिकार बना चुका है जिसमें 27,371 लोगों की जान जा चुकी है। दुनिया के नौ देशों में यह काफी नुकसान पहुंचा चुका है आइए देखें कि वहां कि सरकारों ने इसे काबू करने के लिए क्या कुछ किया है।

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चीन- चीन में 80,000 से भी ज्यादा मामले थे जिसमें 3,100 की जान जा चुकी है। वुहान और उसके बाद सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई में लोगों ने इसके फौरन बाद करीब 50 दिनों तक खुद को अपने-अपने घरों में बंद रखा। फिलहाल, वैक्सीन और दवाइयों के अभाव में डॉक्टरों और जानकारों को बचाव का यही एक रास्ता दिखाई दे रहा है। काफी दिक्कतों के बाद लोगों ने इस लॉक डाउन को सख्ती से माना। यहां तक कि इन लोगों को अपने खाने-पीने और दवाइयां भी खुद लेने जाने के आदेश नहीं थे। बल्कि एक कम्युनिटी लीडर ही अलग-अलग इलाकों में लोगों को घर-घर जाकर राशन और दवाइयों की डिलिवरी कर रहे थे।

इसके कुछ हफ्तों बाद ये आदेश और भी ज्यादा सख्त हो गए। और अब प्राइवेट गाड़ियों के आने-जाने पर भी पाबंदी लगाने के साथ सब कुछ पूरी तरह बंद कर दिया गया। चीन ने उन लोगों को ईनाम भी दिया जिन्होंने क्वारेंटाइन के नियम तोड़ने वालों की जानकारी सरकार को दी। खाने-पीने की सप्लाई बनाए रखने के लिए सरकार ने डिलिवरी बॉयज को हैजमेट सूट भी दिए। लेकिन, इतनी सख्ती दुनिया की सबी सरकारें अपनी जनता के साथ कर पाएं ये मुश्किल काम है।

इटली- फरवरी के आखिर से अब तक 86,498 लोगों को कोरोना वायरस प्रभावित कर चुका है जिसमें 9,134 लोग मर चुके हैं। इसमें ज्यादा मामले इटली के उत्तरी हिस्सों में दर्ज किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने यहां पूरे देश को रेड जोन घोषित कर दिया यानी कि लोग अपने घरों में रहे सिर्फ अस्पताल और जरूरी सेवाओं में लगे लोगों को ही बाहर आने की इजाजत थी। इटली ने सभी तरह के कार्यक्रमों और समारोहों पर पाबंदी लगा दी थी।

ईरान- ईरान में फिलहाल 32,332 लोग संभावित कोरोना वायरस के मरीज थे जिनमें मरने वालों की संख्या 2,378 थी। ईरान ने भी सख्ती से लोगों का घर से बाहर आना, नमाज के लिए इकट्ठा होना, किसी भी किस्म के सामाजिक समारोह वगैरह को रोक कर ट्रेन, बसें सब डिसइन्फैक्ट कराया, हवाई अड्डों पर यात्रियों की स्क्रिनिंग तेज की। हालांकि, अमेरिकी पाबंदियों के चलते ईरान में मास्क, टेस्ट किट, वेंटिलेटर और इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरणों का भारी अभाव होने से वहां मरने वालों की तादाद ज्यादा रही।

दक्षिण कोरिया- यहां भी अन्य देशों की तरह ही स्कूल, कॉलेज, दफ्तर सब बंद कर दिए गए। सारे समारोह रद्द कर भीड़ जमा न होने के आदेश जारी किए गए। ज्यादातर लोग खाने के लिए सिर्फ नूडल ही इकट्ठा कर पाए थे। ऐसा नहीं था कि वे खाना नहीं खरीद सकते थे लेकिन, सारी जनता ने एकदम घर से बाहर न निकलने का फैसला लिया। अब वहां कोरोना वायरस के नए मामलों में गिरावट आई इसकी वजह लॉक डाउन तो था ही साथ ही उनके स्क्रिनिंग क्लिनिक भी रहे जहां लोगों का टेस्ट सिर्फ 10 मिनट में होता है और हेल्थ कर्मी हर दिन करीब 15,000 टेस्ट कर रहे हैं। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया ने छोटे और मध्यम उद्योगों के मालिकों को अपने स्टाफ को सहुलत से घर से काम कराने के भी आदेश दिए।

स्पेन- स्पेन में भी कोरोना वायरस पीड़ितों के अब तक कई मामले दर्ज हो चुके हैं। यहां भी सभी स्कूलों, कॉलेजो और पब्लिक जगहों को बंद कराया गया। दफ्तरों में काम के घंटे कम कराए और लोगों को बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकलने को कहा गया। हालांकि, कुछेक खेल के कार्यक्रम बिना जनता के जारी रहे।

फ्रांस- फ्रांस ने भी कोरोना वायरस प्रभावित अपने चार कल्स्टर को पूरे देश से काफी हद तक काट दिया था। सभी सामाजिक समारोह रद्द किए गए, रग्बी मैच और पेरिस मैराथन की तारीख भी अक्तूबर तक बढ़ा दी गई। राष्ट्रपति ने देशवासियों को बूढ़े लोगों से दूर रहने की सलाह दी ताकि उन तक वायरस न पहुंच पाए। देशभर में जरूरतमंदों को मास्क बांटे गए और सैनेटाइजर के दाम भी कम कर दिए गए।  

जर्मनी- जर्मनी ने भी ओपेरा सहित सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द किए और लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी।

अमेरिका- इस वक्त चीन के बाद अमेरिका पूरी दुनिया में चीन के बाद कोरोना वायरस का केन्द्र बन गया है। अमेरिका के 37 राज्यों और कोलंबिया तक वायरस पहुंच गया है। अमेरिका में 93,329 लोग संभावित कोरोना वायरस के मरीज हैं जिनमें मरने वालों की संख्या 1,384 है। अमेरिका ने शुरू से ही अपने यहां अन्य देशों के यात्रियों की आवाजाही और उड़ानों पर पाबंदी नहीं लगाई थी। न्यूयार्क में सभी स्कूलों, कॉलेजों, चर्चों और सभी तरह के धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर इस गुरूवार से रोक लगा दी गई। पालन न करने वालों पर सजा भी तय की गई है। राष्ट्रपति ने कांग्रेस से रोजाना काम करने वालों को कुछ वित्तीय मदद भी करे।

जापान- जापान ने सबसे पहले अपनी सभी सीमाओं को सील कर विदेशों से आने वाली सभी उड़ानों को रद्द किया। जापान आ चुके सभी विदेशियों को 4 दिनों के क्वालेंटाइन में रखा हुआ है। लेकिन, जापान पर अभी कोरोना वायरस का खतरा और भयानक रूप लेने वाला है जानकारों का मानना है कि जापान को और भी कड़ और सख्त कदम उठाने चाहिए।

 

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